अगर दिल से चाहत है मुझे पाने की….

अगर दिल से चाहत है मुझे पाने की

तो गुरु के माध्यम से मेरी रचित 

आध्यात्मिक राह

पर तुम्हे चलना होगा

दूर कर अपने विकार

काम क्रोध लोभ मोह अहनकार इर्ष्या द्वेष राग

मद

बन मानव मानवता लिए

मेरे बताये मार्ग 

प्रेम भक्ति ज्ञान और समाधि

की राह पर मेरे 

भक्त केअधीन रह कर 

ग्रहण कर 

ध्यान की परिकाष्ठा  जिसे

कहते है समाधि 

धर

एकाग्रता का अनुसरण करना

होगा

 गुरु की मेहर से  जो मिलेगी

शक्ति उस से अनाहद

पैदा हो जाएगी

फिर

नाद  तुम्हे एकाग्र होना होगा

जो तुम नाद पा उसमे रम गये

ओर 

बन वीतरागी या बैरागी

मुझमे 

खो के समा गए

तो

निश्चित मुझको तुम अपने मे 

पा लोगे 

जीवन मरण से मुक्त हो 

रह 

जाओगे मेरे दर पर

अनन्त काल तक

तब भी जीवन मुक्तता के

तुम पूर्ण 

अधिकारी होंगे

इसके लिए तुम्हे बस एक 

ही कार्य

करना है 

बसा के गुरु रूप में मुझे 

तुम्है हर पल मुझे में 

खोया रहना है

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