अध्यात्म मे गुरु को खुश रखना आवश्यक इसके लिए शिष्य में प्रेम ज्ञान और समर्पन शरणागति ओर गुरु की नजरों में श्रेष्ठ होना जरूरी है ताकि आप गुरु की नजरों में एक काबिल इंसान बन कर रो ओर आपकी मानवता से गुरु प्रभावित रहे अगर आप के साथ ऐसा गया तो गुरु की रूहानियत आपको मिलती रहैगी ओर नूर से आप का दिल हमेशा रोशन और पाक रहेगा ओर आपको रूहानी तरक्की भी गुरु की मेहर होने के कारण तववजुह ज्यादा मिलेगी और आप प्रिय बन कर ओरो से श्रेष्ठ रहेंगे ये मेरा व्यतिगत अनुभव है