कल उदास मन था फिर भी चारो ओर रोशनी के माहौल ने मुझे चेता दिया की बाहर के उजाले के उजाले से मन के दिये नही जलते है
अगर जलाने है दिए तो मन मे रोशनी उस खुदा की पैदा करो और फिर देखो की तुम्हे दिल रोशन और आत्मा पाक नजर आएगी जो अब तक था उदास उसमे गुरु की मेहर से रौनकओर अलग ही नजर आएगी और कहेगी अगर दिल रोशन है तो चिरागो की क्या जरूरत है और दिल रोशन नही तो कितने भी दिए रोशन हो दिलमे अंधेरा ही रहेगा ओर मन उदास ओर चेहरा उदासी बया करेगा