उलझन 

पिताजी का फरमाना था कक मन की कोई भी उलझन  यदि हमें परेशान करती है तो उसे यदि गुरु के समक्ष  नही कह पा रहे तो मन मे उनका ध्यान कर निवेदन करदोअब  आप मुक्त हो  गए वह समश्या कुछ ही पल में हल हो जाएगी और मन के विकार खत्म हो उस समस्या का हल भी।मिल जाएगा मैं तो ऐसा ही करता हु गुरु देव के आशीर्वाद से उस समश्या का हल।निकल कर एक नई दिशा मिल जाती है और समश्या स्वम् हल हो जाती है मैं कुछ दिन पूर्व मेरा दोहता मोटर साइकल लेने की जिद कर रहा था मैं स्कूटर लेने की कह रहा था गुरु देव की कृपा से वो मान गया और स्कूटर ले कर संतुस्ट हो गया ये गुरु देव की मेहर ही है जो वो मैसन गया

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