अज्ञान का नाश करने के लिए: गुरु ‘अंधकार’ (अज्ञान) को ‘प्रकाश’ (ज्ञान) से मिटाते हैं।
सही दिशा में प्रेरित करने के लिए: भटकाव और मोह से बचाकर सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
अहंकार का त्याग सिखाने के लिए: आत्म-विकास और विनम्रता का पाठ पढ़ाते हैं।
शिष्य की उन्नति के लिए: भौतिक, मानसिक, और आध्यात्मिक उन्नति हेतु उचित शिक्षा और साधना प्रदान करते हैं।
संक्षेप में, गुरु हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर, असत्य से सत्य की ओर, और मृत्यु से अमरत्व की ओर ले जाते हैं।