गुरु की महिमा: कृपा और ज्ञान का अमृत

ॐ जय गुरुवर कृपाला, ज्ञान के दाता निराला,
अज्ञान तिमिर हरने वाले, प्रेम सुधा बरसाने वाले,
ॐ जय गुरुवर कृपाला।

ब्रह्मज्ञान की जोत जगाई, मोह माया से मुक्ति दिलाई,
भवसागर से पार उतारा, सत्य पथ पर चलने सिखाया,
ॐ जय गुरुवर कृपाला।

करुणा के सागर अनंत, हो कृपा तुम्हारी अखंड,
चरणों में शरण जो आए, उसका भव-भय मिट जाए,
ॐ जय गुरुवर कृपाला।

वाणी में अमृत बरसाएँ, मति को शुद्ध बनाएँ,
हरते हैं संकट सबके, बनते हैं पथप्रदर्शक,
ॐ जय गुरुवर कृपाला।

शिष्य की सुधि जो लेते, हर पल साथ में रहते,
भक्ति में रंग जो भरते, प्रेम के मोती बिखेरते,
ॐ जय गुरुवर कृपाला।

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