गुरु दीक्षा की शक्ति: आत्मा के जागरण से अनाहद तक की यात्रा

गुरु के द्वारा दिक्सित कर गुरु मंत्र या नाम देने और जपने से शरीर मे वो शक्ति जागृत हो जाती है और वह शिष्य का हृदय रोशन कर जाग्रत कर सूक्ष्म शरीर यानी आत्मा में र। जाती है और अनाहद में बदल शक्तिशाली बन आकाशवाणी में बदल जाती है जिसकी गूंज पूरे शरीर मे हरकत कर्री महसूस होती है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *