जन्म लेने के बाद मेरे इस अद्यतमिक घर जहा जन्म लिया…

मैं जानता ओर मानता हूं कि जन्म लेने के बाद मेरे इस अद्यतमिक घर जहा जन्म लिया और अद्ययातमिक संस्कारो में पला जहा माता पिता पूर्ण संत मिले व घर मे अनेक उच्च कोटि के संतों को आशीर्वाद व रहमत ओर उनकी दुवाएं पूरे परिवार को।कर्मो के अनुसार बचपन से ही मिली मैंने जन्म के बाद नेरी नजर ओर मेरी सोच के अनुसार किसी का बुरा नही किया न ही कोई बईमानी साधरण जीवन जिया ओर होश सम्भालने से ले कर आज तक मैं कई बीमारियो से ग्रस्त रहा जिसमे बहुत कष्ट भी झेले लेकिन हर बार बीमारियों को हराता हुवा अब 75 वर्ष पार कर चुका हूं पर मेरा निजी अनुभव रहा कि इंसान को अद्ययातमिक जीवन मे जीना है औरकर्म इसी जन्म में भगत कर नेक रूह बनना है तो गुरु शिष्य के सभी कस्ट इसी जन्म में एक एक करके भुगतान करवा के इंसान को तपा कर सोना बना देते है ताकि अगले जन्म में सोना खरा ही रहे उसमे कोई मिलावट न हो पर जो।कस्ट भुगतान हेतु गुरु के आशीर्वाद ओर रहमत से मिले वह सब कस्ट प्रद होते हुवे भी मुझे जीवन मे ये अनुभव नही हुआ की मैं बीमार हु अभी 12 दिसम्बर 24 मो मेरा एक्सीडेंट हो गया रीढ़ की हड्डी पर खून जमा हो गया हड्डी पर सोजिश आ गई और हिल डुलने से भी लाचार हो गया पर गुरु देव की इतनी मेहेर रही कि मैं इस कस्ट को हस्ते हस्ते भुगत रहा हु ये सोच के की जीवन मे सभी कस्ट इसी जन्म मैं भुगतान हो जाये तो अगले जन्म में कस्ट नही भुगतने पड़ेंगे ओर इस जन्म में कस्ट सुई की नोक की तरह से कस्ट मिल मैं आसानी से कस्ट भुगत लूंगा जानता हूं गुरु अगर लूण मिल गए है तो फासी की सजा भी सुई की नोक की तरह सजा मिल।कट जाती है मैं ओर मेरा परिवार जिसमे माता पिता बहिन भाई पत्नी और परिवार के सभी सदस्य भाग्यशाली है कि हमें हमारे जीवन मे महान संत की।कृपा उनका सानिध्य ओर उनके द्वारा दिक्सित होने के बाद अद्ययातमिक राह पर चल।मंजिल तक पहुचने का मौका मिलेगा और माता पिता के आशीर्वाद से उनकी स्मृति में सोहम ध्यान योग केंद्र की स्थापना 2016 में करने का आशीर्वाद मिला सोहम ध्यान योग केंद्र के नीव लगते समय मेरे पुत्र अनीश को नीव में मिट्टी हटाते समय भगवान भैरव की मूर्ति मिली जो कि उस स्थान को तपोभूमि बना गई यहाँ आने वालो को असीम शांति माता पिता का आशीर्वाद मिलता है मैं यहां फिर से कहना चाहूंगा जिसे लूण गुरु मिल गए और उनकी।मेहर जिसे मिल गई उसका जीवन सुधर गया और उसे वह अद्ययातमिक शक्ति मिल गई जिसे अनहद जाप व अजपा जाप शास्त्रो में बताया गया है और विकार अपने आप कम या न्यून हो गए और उनकी।मेहर में जीवन गहराई में नहाते हुवे बसर सभी सुखों के साथ हो रहा है नमन

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