ध्यान ईश्वर-साक्षात्कार का विज्ञान है। यह विश्व का सबसे अधिक व्यावहारिक विज्ञान है। यदि संसार के अधिक से अधिक लोग आत्मज्ञान के लाभदायक परिणामों को समझने लगें तो वे सभी ध्यान करने लगेंगे। ध्यान का परम उद्देश्य परमात्मा की चेतना की अनुभूति करना और उनके साथ आत्मा की शाश्वत एकता प्राप्त करना है।