वेदों के अनुसार, मनुष्य अपने अवगुणों को दूर करके केवल्य (मोक्ष या आत्मसाक्षात्कार) प्राप्त कर सकता है। इसके लिए निम्नलिखित मार्गदर्शन दिया गया है:
- सत्य और धर्म का पालन
सत्य का आचरण करें (ऋग्वेद 10.190.1)
अधर्म से बचें और धर्म के मार्ग पर चलें
- योग और ध्यान का अभ्यास
योग और ध्यान के द्वारा मन को नियंत्रित करें (यजुर्वेद 11.3)
ईश्वर की उपासना करें (यजुर्वेद 40.16)
- सद्गुणों को अपनाना
अहिंसा, दया, क्षमा, प्रेम जैसे गुण विकसित करें (अथर्ववेद 12.1.12)
लोभ, मोह, क्रोध, ईर्ष्या से बचें
- ज्ञान और सत्संग
शास्त्रों का अध्ययन करें और सत्संग में रहें (ऋग्वेद 1.89.1)
गुरु से ज्ञान प्राप्त करें (यजुर्वेद 19.30)
- सत्कर्म और सेवा
परोपकार करें, समाज की सेवा करें (अथर्ववेद 3.30.3)
अपने कर्तव्यों का पालन करें (ऋग्वेद 10.117.6)
- संयम और ब्रह्मचर्य
इंद्रियों और मन को वश में करें (यजुर्वेद 36.24)
ब्रह्मचर्य का पालन करें (अथर्ववेद 11.5.19)
- ईश्वर की भक्ति और साधना
ईश्वर में अटूट विश्वास रखें (यजुर्वेद 40.1)
ओम् का जप और प्रार्थना करें
इन मार्गों का पालन करने से मनुष्य अपने अवगुणों को दूर कर केवल्य (मोक्ष) प्राप्त कर सकता है।