- मन की चंचलता पर नियंत्रण:
मन स्वभाव से चंचल होता है और ध्यान के दौरान भटकता है। मानसिक ध्यान से इसे स्थिर किया जाता है। - आत्म-जागरूकता:
व्यक्ति अपने विचारों, भावनाओं, और आंतरिक संसार को पहचानता है। - शांति और आनंद का अनुभव:
मन शांत होने पर व्यक्ति को आंतरिक शांति और सुख की अनुभूति होती है। - ईश्वर या आत्मा से जुड़ाव:
यह ध्यान आत्मा को ब्रह्म से जोड़ने का साधन है।