- शारीरिक और मानसिक तैयारी
स्थान: शांत, स्वच्छ और ध्यान के लिए उपयुक्त स्थान चुनें।
मुद्रा: आरामदायक आसन (जैसे सुखासन, पद्मासन) में बैठें। रीढ़ को सीधा रखें।
श्वास पर ध्यान: ध्यान शुरू करने से पहले कुछ गहरी सांसें लें। इससे मन शांत और एकाग्र होता है।
- ध्यान का उद्देश्य तय करें
मानसिक ध्यान में आप किस पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, इसे स्पष्ट करें:
मंत्र: “ओम” या किसी अन्य मंत्र का जाप।
बिंब: किसी देवी-देवता, प्रकाश, या शून्य पर ध्यान।
श्वास: श्वास के आने-जाने पर ध्यान केंद्रित करना।
विचार-मुक्ति: किसी भी विचार को आने दें, लेकिन उनसे जुड़ें नहीं।
- एकाग्रता का अभ्यास
मन को चुने हुए उद्देश्य (मंत्र, बिंब, श्वास) पर केंद्रित करें।
यदि मन भटकता है, तो धीरे-धीरे उसे वापस लाएं।
- साक्षी भाव अपनाएं
अपने विचारों और भावनाओं को केवल “देखें,” उनसे जुड़ने की कोशिश न करें।
इसे “द्रष्टा भाव” या “साक्षी भाव” कहते हैं।
- ध्यान की गहराई में जाएं
नियमित अभ्यास से मन विचारों से मुक्त होने लगेगा।
आप केवल “अहं” (मैं) की उपस्थिति को महसूस करेंगे।
- समाप्ति (ध्यान से बाहर आना)
ध्यान समाप्त करते समय धीरे-धीरे आँखें खोलें।
अपने अनुभव को आत्मसात करें और दिनचर्या में लौटें।