मानसिक ध्यान की विधि (चरणबद्ध प्रक्रिया)

  1. शारीरिक और मानसिक तैयारी

स्थान: शांत, स्वच्छ और ध्यान के लिए उपयुक्त स्थान चुनें।

मुद्रा: आरामदायक आसन (जैसे सुखासन, पद्मासन) में बैठें। रीढ़ को सीधा रखें।

श्वास पर ध्यान: ध्यान शुरू करने से पहले कुछ गहरी सांसें लें। इससे मन शांत और एकाग्र होता है।

  1. ध्यान का उद्देश्य तय करें

मानसिक ध्यान में आप किस पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, इसे स्पष्ट करें:

मंत्र: “ओम” या किसी अन्य मंत्र का जाप।

बिंब: किसी देवी-देवता, प्रकाश, या शून्य पर ध्यान।

श्वास: श्वास के आने-जाने पर ध्यान केंद्रित करना।

विचार-मुक्ति: किसी भी विचार को आने दें, लेकिन उनसे जुड़ें नहीं।

  1. एकाग्रता का अभ्यास

मन को चुने हुए उद्देश्य (मंत्र, बिंब, श्वास) पर केंद्रित करें।

यदि मन भटकता है, तो धीरे-धीरे उसे वापस लाएं।

  1. साक्षी भाव अपनाएं

अपने विचारों और भावनाओं को केवल “देखें,” उनसे जुड़ने की कोशिश न करें।

इसे “द्रष्टा भाव” या “साक्षी भाव” कहते हैं।

  1. ध्यान की गहराई में जाएं

नियमित अभ्यास से मन विचारों से मुक्त होने लगेगा।

आप केवल “अहं” (मैं) की उपस्थिति को महसूस करेंगे।

  1. समाप्ति (ध्यान से बाहर आना)

ध्यान समाप्त करते समय धीरे-धीरे आँखें खोलें।

अपने अनुभव को आत्मसात करें और दिनचर्या में लौटें।

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