मैं  मानव

मैं  मानव चोला लिए भटकता रहा मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे ओर चर्च में दिन रात

न दर्द मिटा न दवा मिली

ये सोच के हु अब परेशान है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *