राधास्वामी मत एक आध्यात्मिक पंथ है जो संत मत परंपरा से जुड़ा है। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मा को परमात्मा से मिलाने का मार्गदर्शन देना है। इसमें ध्यान, नाम-स्मरण (सत्संग) और आत्मानुभूति पर जोर दिया जाता है।
7 लोक (सप्त लोक)
राधास्वामी मत के अनुसार, सृष्टि को 7 मुख्य आध्यात्मिक लोकों में विभाजित किया गया है, जो आत्मा की यात्रा और मुक्ति के मार्ग को दर्शाते हैं:
- सतलोक: सबसे ऊँचा और शाश्वत लोक, जहां राधास्वामी भगवान निवास करते हैं। यह शुद्ध चेतना और अनंत आनंद का स्थान है।
- अलख लोक: यहाँ कोई शब्द या वर्णन नहीं पहुँच सकता, यह आत्मा की उच्चतम अवस्था है।
- अगम लोक: यह अत्यंत सूक्ष्म और अगम्य लोक है, जहाँ केवल आत्मानुभूति द्वारा पहुँचा जा सकता है।
- अनामी लोक: इस लोक को “अवर्णनीय” कहा जाता है क्योंकि इसका कोई नाम या रूप नहीं है।
- सच खंड: सत्य का लोक, जहाँ सभी आत्माएँ अपनी शुद्ध अवस्था में रहती हैं।
- अलख लोक: सूक्ष्म रूप में चेतना की स्थिति, जहाँ केवल ध्यान और साधना द्वारा पहुँचा जा सकता है।
- अगम लोक: जहाँ परमात्मा की अलौकिक शक्ति का अनुभव होता है।