- स्थान और समय का चयन
एक शांत और आरामदायक स्थान चुनें।
ध्यान सुबह या रात को करें, जब वातावरण शांत हो।
- आरामदायक मुद्रा में बैठें
सुखासन, पद्मासन, या कुर्सी पर सीधे बैठें।
रीढ़ को सीधा रखें, लेकिन शरीर को तनावमुक्त रखें।
हाथों को गोद में रखें और आँखें बंद कर लें।
- श्वास पर ध्यान दें
अपनी श्वास को सामान्य रखें।
श्वास के आने-जाने को महसूस करें, लेकिन उसे नियंत्रित न करें।
यह आपको वर्तमान क्षण में लाने का पहला कदम है।
- मन को शांत करें
अपने मन में विचार आने दें, लेकिन उनसे जुड़ने की कोशिश न करें।
विचारों को “बादल” की तरह देखें, जो आकर चले जाते हैं।
यह “साक्षी भाव” का अभ्यास है।
- मंत्र या ध्यान बिंदु का उपयोग करें (वैकल्पिक)
यदि मन अधिक भटकता है, तो “ओम” या किसी अन्य मंत्र का मन ही मन जाप करें।
आप एक बिंदु (जैसे हृदय, भृकुटि, या श्वास) पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- ध्यान की सहजता में रहें
ध्यान को “करने” की बजाय, “होने” की प्रक्रिया बनाएं।
अपने भीतर की शांति और स्थिरता का अनुभव करें।
- ध्यान से बाहर आना
धीरे-धीरे आँखें खोलें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
तुरंत खड़े न हों; अपने अनुभव को आत्मसात करें।