पतंजलि योग सूत्रों के अनुसार, आध्यात्मिक सफर पर चलने का मार्ग योग के माध्यम से होता है, जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का एक साधन है। पतंजलि ने योग को “चित्तवृत्ति निरोधः” (मन की वृत्तियों को रोकना) के रूप में परिभाषित किया है। योग का लक्ष्य व्यक्ति को ईश्वर (ईश्वर प्राणिधान) की प्राप्ति के लिए मानसिक, शारीरिक और आत्मिक रूप से तैयार करना है।