हृदय की धड़कन (धक-धक) जीवित होने का प्रमाण है और यह प्राण ऊर्जा (जीवन शक्ति) का संकेत देती है।
योग और ध्यान में इसे स्पंदन (वाइब्रेशन) के रूप में अनुभव किया जाता है, जो आत्मा की उपस्थिति और चेतना का प्रतीक है।
ध्यान में गहरे जाने पर, यह धड़कन “ओम” या “सोऽहं” की ध्वनि के रूप में भी अनुभव हो सकती है, जिसे अनाहत नाद कहा जाता है।