चंद्रमा की 16 कलाएँ:

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, चंद्रमा में 16 कलाएँ (कला = शक्ति या गुण) मानी जाती हैं, जो उसकी बदलती अवस्थाओं (अमावस्या से पूर्णिमा तक) का प्रतीक हैं। ये कलाएँ न केवल खगोलीय महत्व रखती हैं, बल्कि इनका गहरा आध्यात्मिक अर्थ भी है।

चंद्रमा की 16 कलाएँ:

  1. अमृत – अमरत्व और जीवनदायिनी शक्ति।
  2. मनदा – मन को स्थिर और शांति देने वाली।
  3. पूषा – पोषण और समृद्धि देने वाली।
  4. तुष्टि – संतोष और आनंद प्रदान करने वाली।
  5. पुष्टि – शक्ति और बल देने वाली।
  6. रति – प्रेम, आकर्षण और आनंद की कला।
  7. धृति – धैर्य और सहनशीलता।
  8. शशिनी – शीतलता और सौम्यता।
  9. चंद्रिका – प्रकाश और सुंदरता का प्रतीक।
  10. कांती – आभा और तेज प्रदान करने वाली।
  11. ज्योत्सना – ज्ञान और विवेक की रोशनी।
  12. श्री – ऐश्वर्य और संपन्नता की देवी।
  13. प्रीति – प्रेम और स्नेह का संचार।
  14. अंगदा – शक्ति और सुरक्षा प्रदान करने वाली।
  15. पूर्णा – पूर्णता और संतुलन का प्रतीक।
  16. पुण्यदा – पुण्य और धर्म की प्राप्ति।

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