तीन भुवन (3 Bhavan / Trilok):
- स्वर्गलोक (ऊर्ध्वलोक) – देवताओं का लोक
इसमें उच्च लोक (उपरी 7 लोक) आते हैं
जैसे: सत्यलोक, तपलोक, जनलोक, महरलोक, स्वर्लोक, भुवर्लोक, भूर्लोक
- मृत्युलोक (मध्यमलोक) – मनुष्यों का लोक
मुख्यतः भूर्लोक (पृथ्वी) को यह कहा जाता है
यहाँ जीव कर्म करते हैं और जन्म-मृत्यु के चक्र में रहते हैं
- पाताललोक (अधोलोक) – असुरों और नागों का लोक
इसमें नीचे के 7 लोक आते हैं
जैसे: अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल, पाताल
चौदह लोक (14 Lok):
ऊर्ध्व (ऊपर के 7 लोक):
- सत्यलोक – ब्रह्मा जी का निवास, मोक्ष प्राप्त आत्माओं का स्थान
- तपलोक – तपस्वियों और सिद्धों का लोक
- जनलोक – मनीषियों और संतों का निवास
- महर्लोक – महान ऋषियों का निवास
- स्वर्लोक – इंद्र एवं अन्य देवताओं का लोक
- भुवर्लोक – ऋषियों और मनुष्यों के बीच का लोक
- भूर्लोक – पृथ्वी, जहाँ मनुष्य और अन्य प्राणी रहते हैं
अधोलोक (नीचे के 7 लोक):
- अतल – माया और विलास का स्थान
- वितल – असुरों का लोक
- सुतल – राजा बलि का निवास
- रसातल – असुरों की नगरी
- तलातल – जादूगरों और तांत्रिकों का क्षेत्र
- महातल – नागों और दैत्यों का लोक
- पाताल – सबसे निचला लोक, शेषनाग का निवास