Written by Guru Ji No Comments अगर से संस्कार नही तो जन्म व्यर्थ हैअगर गुण नही तो जीवन व्यर्थ है।अगर सादगी नही तो दिखावा व्यर्थअगर मौत नही तो जन्म व्यर्थ हैओर अगर चरित्र नही तो दुनिया मे सब कुछ होना व्यर्थ है Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Previous Story गुरु: अंधकार से प्रकाश की ओर एक दिव्य सेतु Next Story जब हनुमान जी सीता माता से मिलने के बाद लंका में उपद्रव मचाते हैं — अशोक वाटिका उजाड़ देते हैं, राक्षसों को मारते हैं और रावण के पुत्र अक्षयकुमार को भी मार डालते हैं — तब उन्हें पकड़कर रावण के दरबार में लाया जाता है।