स्वर्ग

मिटा दिए जाएंगे एक दिन इस जमी से नामो निशान

फिर किस के लिए जी रहे हम

ऐ मुसाफिर सोच ये तो।मुसाफिर खाना है जिसे कुछ दिन रहने के बाद छोड़ उस दर  पर जाना है जहाँ न बिस्तर न चटाई न कुछ और है यदि है तो सिर्फ आत्मा का निवास 

जिसे हम स्वर्ग कहते है हा स्वर्ग

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