जाग्रत हृदय की पहचान ऐसे समझ सकतें है कि जैसे आसमान में चमकते हुए तारे, ऐसे ही ज़मीन पर जाग्रत हृदय तारों की मानिंद चमकते हैं।
ईश्वर तुम्हे किसी पहचान से नहीं बल्कि तुम्हारे चमकते हुए हृदय से देखता है, और जब ईश्वर किसी को देखता है तो फिर मुक़ाम मुका़मे-कमालियत कहलाता है।
#क़ल्ब
#राहे_सुलूक़
#तालीम_फज़ल_अहमद
#महात्मा_लाला_रामचंद्र_जी_महाराज