जो अंदर से बिखरा है उसे समेटना मुश्किल है बाहर से अगर कुछ निकला होता तो दुरस्त कर देता आध्यात्मिक देंन
तड़फ मेरे मन की ये बताती है आज नही तो कल वो तेरे संग होगा और कहेगा आ चल मेरे संग उस जहां में जहां मैं मिलता हु और कहता हु की मैं हु ओर ये मेरा अस्तित्व है