ज्ञान अज्ञान है। ज्ञान अज्ञान के परे विज्ञान है। सच्चा ज्ञान तभी हो जब भक्त गुरुदेव मे लीन हो। अपनी खबर न हो लेकिन सब काम सचेत मनुष्य के समान ही करता हो। कोई काम करने के पहले, करते समय और करने के बाद उसका ख्याल न हो तब ज्ञान की दशा उदय होती है।
सच्ची लगन वही है जब गुरुदेव जी के वचन मे आगाध श्रद्धा हो जावे।वही सत्य है, वही मानने की चीज है।सच्ची शान्ति वही है जिसमे ईशवर की याद बनी रहे