जीव दो प्रकार के होते हैं- बद्ध जीव और मुक्त जीवl\
जब जीव को आत्मज्ञान हो जाता है, वह अपने स्वरूप को पूर्णरूप से पहचान जाता है, तब उसे मुक्त कहते हैं; जब तक आत्मा का ज्ञान नहीं है, तब तक जीव बद्ध कहलाता हैl अविद्या के कारण जीव नित्य बद्ध हैl मुक्त जीव वो हैं जिनके प्राण, मन, इंद्रीय व बुद्धि की सारी चेष्टाएँ बिना संकल्प के होती हैं, ऐसे पुरुष शरीर में रहते हुए भी गुणों से मुक्त हैं