गुरुदेव कहते है….

गुरुदेव कहते है के शिष्य गलती करता है के वह जैसा गुरु को करते देखता है वैसा करने लग जाता है । शिष्य के लिए जरूरी है के जो गुरु कहे वह करे न की जो गुरु करे वह करे

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गुरु शिष्य को देखते ही समझ जाते है के उसको किस रास्ते से पर लगाना है और वह उसको वही रास्ते का ज्ञान देते ही और करने को कहते है इसलिए शिष्य को वही करना चाहिए ।

कभी कभी दो शिष्यों को अलग अलग करने को कहते है यह भी इसलिए क्योंकि दोनो का रास्ता अलग है । यदि हम यह सोचने लग जाए के उसका रास्ता आसान और मेरा मुश्किल और अपना रास्ता छोड़ दूसरे वाले रास्ते पे चल पड़े तो हमारी मंजिल हमे नही मिलेगी ।

शिष्य गुरु को कभी नहाई समझ सकता गुरु का स्तर शिष्य से बहुत बहुत ऊंचा होता है वह कब क्या कर रहे है हम सोच समझ नही सकते । शिष्य को तो बस आंख बंद करके पूर्ण निष्ठा के साथ बिना सोचे वह करना है जो गुरु उसको कहते है ।

अगर गुरु कहदें के छलांग लगा दो तो बस लगा दे ।

ऐसी तत्परता हमारे अंदर आए और हम वह कर सकें जो गुरु हमे कहते है ऐसी ही प्रार्थना करता हूं ।

सादर नमन ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *