उसके जहां में न चरित्र न चरित्रहीनता का कोई महत्व है
अगर जन्म लिया है तो नैतिकता के आचरण में जीना होगा
वरना ये जन्म जो मिला है
ये व्यर्थ होगा जिसने जान लिया नैतिकता क्या है
मानो उसने उस खुदा को पा लिया है
न जन्म न म्रत्यु के भय अब उसे सतायेगा
जन्म।लिया है तो मुक्त हो खुदा के घर जाएगा