February 15, 2024 धर्म किसी भी धर्म मे मैं का प्रयोग कहि न कहि अहम को बताता है इसलिए व्यक्ति कॉम क्रोध लोभ मोह अहंकार इर्ष्या द्वेष राग... Read More
February 15, 2024 इंसान का कल्ब़ इंसान का कल्ब़ एक लाख अस्सी हज़ार जालों से जकड़ा होता है, जिसको कोई कामिल जा़त यानि सतगुरु ही अपनी नज़रे कीमियां से जला... Read More
February 15, 2024 आज फिर जब मैं आज फिर जब मैं मन के शीशे के सामने पहुचा तो हैरान रह गया शीशा बोला आ गए फिर से आ जाओ मेरा द्वार... Read More
February 15, 2024 उलझन पिताजी का फरमाना था कक मन की कोई भी उलझन यदि हमें परेशान करती है तो उसे यदि गुरु के समक्ष नही कह पा... Read More
February 15, 2024 चिंतन मैंने पढ़ा था लेकिन जाना नहीं था अपने चिंतन अपनी उलझनों को एक बार पूरे मन से व्यक्त कर दिया जाए लिख दिया जाए... Read More
February 15, 2024 मनुष्य भी एक सामाजिक प्राणी पशु जीव है मनुष्य भी एक सामाजिक प्राणी पशु जीव है जिसका लगभग सारा जीवन भय और लालच से नियंत्रित संचालित प्रेरित है चाहे धर्म का पालन... Read More