May 2, 2025 “जब प्रेम के दो स्वरूप मिले: राधा की आत्मा, रुक्मिणी का समर्पण राधा और कृष्ण का आध्यात्मिक रिश्ता, जो रुक्मिणी को पसंद नहीं था — इस पर दृष्टि डालने के लिए हमें प्रेम, भक्ति, और ईश्वर... Read More
May 2, 2025 कृष्ण और अर्जुन: समर्पण, श्रद्धा और आत्मा का संवाद “अर्जुन कृष्ण को क्यों प्रिय था, और कृष्ण अर्जुन पर क्यों फिदा थे?”इसका उत्तर केवल युद्ध या रिश्ते की सतह तक सीमित नहीं, बल्कि... Read More
May 1, 2025 “न तिथिर्न च कालो नायनयोः विचारः।कर्मणा हि नरो गच्छति मोक्षममोक्षम्॥” हिंदी अर्थ:“न तो तिथि निर्णायक है, न काल विशेष, न उत्तरायण-दक्षिणायन का विचार।मनुष्य अपने... Read More
April 29, 2025 जब आइना बना आत्मा का दर्पण आज जब उठा और मुह को धोने के लिए जैसे ही वाशवेसन के पास गया और मुह को धोने लगा ओर आईने की।ओर पलक... Read More
April 29, 2025 मटकी की हर बूँद: आत्मचिंतन की कथा एक रोज जब गुरु देव के चरणोंमैं बैठ कर भक्ति कर दिखावा कररहा था तभी गुरु देव ने मुझेघूर कर देखाओर बोले ले ये... Read More
April 29, 2025 गंगा की मटकी: साधना और सजगता का पाठ गंगा किनारे एक तपस्वी गुरु अपने शिष्य के साथ बैठे थे। शिष्य वर्षों से साधना कर रहा था, पर भीतर संतोष नहीं था। शिष्य:... Read More