April 22, 2025 सूक्ष्म चेतना: प्रकृति और परमात्मा का अदृश्य ताना-बाना यान देने योग्य बात है कि यह पद पूरी तरह से आध्यात्मिक दृष्टिकोण से रचा गया है। इसमें “सूक्ष्म” शब्द आत्मा, ब्रह्म, या परम... Read More
April 22, 2025 नाद से निर्वाण तक: साधना का सूक्ष्म पथ “सुरीति निरति का पीव है, शब्द विलास विनोद” शब्दार्थ: सुरीति = उत्तम आचरण / शुभ नीति निरति = लगन, गहरी रुचि पीव = प्रियतम... Read More
April 22, 2025 स्वयं को जानना, स्वयं को बदलना: आध्यात्मिक उत्थान की राह स्व-आत्मज्ञान और चरित्र परिवर्तन का आध्यात्मिक मार्ग स्व-आत्मज्ञान का अर्थ है अपने असली स्वरूप को पहचानना—यह समझना कि हम केवल शरीर और मन नहीं... Read More
April 22, 2025 मन के विकारों पर विजय: आत्मिक शांति की ओर पहला कदम के विकारों पर नियंत्रण और मन को स्थिर करने के उपायों पर सोच-विचार करना आत्मिक उन्नति की दिशा में पहला कदम है। चलिए इसे... Read More
April 22, 2025 जब आत्मा दिशा चुनती है: उत्तरायण की ओर मोक्ष की यात्रा श्लोक 8.24 – उत्तरायण मार्ग (देवयान मार्ग) श्लोक: अग्निर्ज्योतिरह: शुक्लः षण्मासा उत्तरायणम्।तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जनाः॥ शब्दार्थ: अग्निः – अग्नि तत्व (प्रकाश, ऊर्जा),... Read More
April 22, 2025 सच्चे हृदय की पुकार और सद्गुरु की प्राप्ति गंगा, यमुना और सरस्वती का प्रतीकात्मक अर्थ: गंगा, यमुना और सरस्वती केवल भौतिक नदियाँ नहीं हैं, ये मानव शरीर और योगिक चेतना में बहने... Read More