April 15, 2025 “कबीर पासा पकड़या प्रेम का, सारी किया शरीर” यहाँ “पासा” शब्द का प्रयोग जुए के लिए किया गया है, पर यह सांसारिक जुए की... Read More
April 15, 2025 हृदय से ईश्वर तक: ज़िक्र-ए-क़ल्ब की अंतरयात्रा “ज़िक्र-ए-क़ल्ब” या “हृदय जाप” क्या है? यह वह साधना या अभ्यास है जिसमें नाम (ईश्वर का नाम या मंत्र) दिल की गहराइयों में चलता... Read More
April 15, 2025 जब मिटती है पहचान, तब मिलती है कृपा “मिल जाये जब खाक”अर्थ:जब इंसान अपने शरीर और जीवन के भौतिक स्वरूप को नश्वर (मरणशील) समझ लेता है। “खाक” यानी मिट्टी, यह संकेत देता... Read More
April 14, 2025 “मिल जाये जब खाक”अर्थ:जब इंसान अपने शरीर और जीवन के भौतिक स्वरूप को नश्वर (मरणशील) समझ लेता है। “खाक” यानी मिट्टी, यह संकेत देता... Read More