November 18, 2025 निवृत्ति और मोक्ष: दो अवस्थाओं का मूलभूत अंतर निवृत्ति और मोक्ष के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार है:निवृत्ति: यह संसारिक बंधनों, तसेही इच्छाओं, और कर्मों के प्रवाह से विराम की स्थिति है।... Read More
November 15, 2025 प्राण प्रतिष्ठा: जब मूर्ति बनती है चेतना और दिव्य ऊर्जा का माध्यम मूर्तियों में संत लोग अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और संकल्प के द्वारा प्राण भरते हैं, इसे प्राण प्रतिष्ठा कहते हैं। यह प्रक्रिया मंत्रों का जाप,... Read More
November 15, 2025 संत का तत्वज्ञान: शिष्य के जीवन में जागृति और दिव्य परिवर्तन संत द्वारा तत्वज्ञान दिए जाने से शिष्य में गहरे आध्यात्मिक और मानसिक बदलाव होते हैं। तत्वज्ञान शिष्य को आत्म-ज्ञान, मन की शुद्धि और वास्तविकता... Read More
November 14, 2025 गुरु की मेहर और स्वरूप प्राप्ति: भगवद्गीता की दिव्य शिक्षा गुरु की मेहर से शिष्य को स्वरूप प्राप्ति कैसे होती है, इसके लिए भगवद् गीता में कई श्लोक हैं जो गुरु-शिष्य के संबंध और... Read More
November 14, 2025 चेतन ईश्वर के चार भाग: माया और दिव्यता का सुंदर रहस्य ईश्वर के चेतन स्वरूप के चार भागों में तीन भाग माया से बाहर होते हैं और केवल चतुर्थ भाग में माया (मत्स्य) क्यों है,... Read More
November 14, 2025 जन्म–मरण के चक्र से परम मुक्ति: आत्मजागृति का रहस्य -काल रहस्य और उससेसंबंधित चक्र से मुक्ति के विषय में भारत के आध्यात्मिक और योगिक सन्दर्भों में गहरा रहस्य है। काल को जन्म-मरण के... Read More