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शिष्य के कर्तव्य

शिष्य के कर्तव्य –  प्रत्येक शुभ कार्य, महत्वपूर्ण कार्य मे गुरु का आशीर्वाद लेना चाहिए। सद्गुरुं की आज्ञा का पालन सर्वोपरि है।  गुरु दर्शन...

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ज्ञान का आधार

जब तक आप कर्म बांधते हैं, तब तक आपके लिए हमेशा पुनर्जन्म है ही। अगर आप को कर्म बंधन होगा तो अगले जन्म में...

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तेरे सिवा कोई है ही नही

तेरे सिवा कोई है ही नही, जिससे तेरी बात कर सकूँ।  शायद यही बात रही होगी तभी भक्तों ने तुम्हारे प्रेम को गीत और...

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कर्मो का भुगतना

मेरे पिताजी जो कि एक उच्च कोटि के मेरे परिवार में प्रथम संत हुवे है उनका कहना था कि म्रत्यु के बाद सूक्ष्म शरीर...

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गुरु की सेवा

मिटा के अपनी हस्ती तुझे  खुद को भी  इस जग को भूलना होगा लग गुरु की सेवा में  उसी की  खिदमत में जीना ओर...

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श्लोक

जा कारण जग ढूँढ़िया, सो तो घट ही मांहि । परदा दिया भरम का, ताते सूझे नाहिं ।। जिस भगवान को तू सारे संसार...

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सपना सा है ये जीवन

सपना सा है ये जीवन जिसमे पैदा होने की खुशी और मरने का मातम मिला रहता है ये जानते हुवे की प्रारब्ध भुगतने है और...

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हैवानी वजूद

लफ्ज़ आदमी हैवानी वजूद है और इंसान अख़लाकी वजूद है।  और परमात्मा की मंशा ये है कि हम हैवानी वजूद से निकलकर  इंसानी वजूद...

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ध्यान की उच्च अवस्था

पिताजी साहब  जब भी ध्यान में लय  रहते ओर ध्यान की उच्च अवस्था मे वो गुरु में लय रहते थे  तो उनके शरीर से...

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