उसके जहां में न चरित्र न चरित्रहीनता का कोई महत्व है अगर जन्म लिया है तो नैतिकता के आचरण में जीना होगा वरना ये...
आज फिर मन के रूप लिए आईने में अपने को देखा तो लगा अंदर ही अंदर मैं परेशान ही कुछ चिंतित पर घबराया हुआ...
हो अगर मुझे पाने और मुझमे लय हो मिलने की तमन्ना तो बस एक काम करना होगा बसा कर मुझे दिल मे सिर्फ मेरा...
गुरु एक जागृत ईश्वर है, जो शिष्य के भीतर सुप्त ईश्वर को जगा रहा है।” कितना सुंदर है न यह? “दया तथा गहन अंतर्दृष्टि...
हम गुरु से तो सब कुछ चाहते है कि शिष्य कहे ओर गुरु उसे उसी ववत बिना देर किए उसके ओर उसके परिवार के...
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर: । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः” प्राचीन काल में गुरु और शिष्य के संबंधों का आधार था...
चेतना और साधना हम जिस प्रकार सोच और महसूस कर रहे हैं उससे केवल निरन्तर बंधन का जाल निर्मित किए जा रहे हैं। वे...
किसी भी योग्य गुरु जो आपकी राय में गुरु कहलाने लायक ओर गुरु बनने के गुण या योग्यता रखता है निष्काम निर्पेक्ष स्वार्थ रहित...
गीता सार क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा ना पैदा होती है, न मरती...
जो निष्ठापूर्वक सद्गुरु का अनुसरण करता है वह उसके समान हो जाता है, क्योंकि गुरु अपने शिष्य को अपने ही स्तर तक उठने में...