Vaachan

रूह की रोशनी में मिटती हैं जाति की रेखाएँ

तत्वातोतदेह: भारतीय दर्शन में मूलभूत सिद्धांतों की देह में अभिव्यक्तिI. तत्वातोतदेह: एक समग्र दार्शनिक दृष्टिकोण“तत्वातोतदेह” संस्कृत का एक गहन यौगिक शब्द है, जो ऐसी...

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मर्यादा के प्रतीक: लक्ष्मण रेखा और गांधारी का सुरक्षा चक्र

लक्ष्मण रेखा और गांधारी का सुरक्षा चक्र, दोनों ही भारतीय पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण प्रतीक हैं, जो आधुनिक संदर्भ में भी नैतिक, सामाजिक और...

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सहस्त्रार चक्र: चेतना का आकाश और मुक्ति का द्वार

सहस्त्रार चक्र शुद्ध चेतना, ज्ञान और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ा है। आकाश तत्व भी अनंतता, शून्यता और सर्वव्यापकता का प्रतीक है। जब कुंडलिनी ऊर्जा...

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निर्बीज समाधि: जब आत्मा को पूर्ण मुक्ति का अनुभव होता है

निर्बीज समाधि योग की अंतिम और सर्वोच्च अवस्था है। ‘निर्बीज’ का अर्थ है ‘बिना बीज के’, यानी ऐसी अवस्था जहाँ पुनर्जन्म के कोई बीज...

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गुरुकृपा से ध्यान तक: शिष्य बनने की आध्यात्मिक यात्रा

गुरु द्वारा शिष्य को ध्यान करवाने और शिष्य बनाने की आध्यात्मिक अनुमति देना एक गहन और पवित्र प्रक्रिया है, जो भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं में...

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