हिंदू धर्म में कहा गया है कि जो लोग अच्छे कर्म, भक्ति और ध्यान में लीन रहते हैं, वे मृत्यु के बाद ईश्वर के...
ईश्वर को विभिन्न धर्मों और दर्शनशास्त्रों में अलग-अलग तरीकों से परिभाषित किया गया है, लेकिन सामान्य रूप से, ईश्वर को सृष्टि का सर्वोच्च, सर्वव्यापी,...
वीतराग का शाब्दिक अर्थ है “राग (मोह) से परे”। इसका मतलब है संसारिक इच्छाओं, सुख-दुख, सफलता-असफलता आदि में समभाव रखना। इसका तात्पर्य वैराग्य (अलगाव)...
गंगा जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु पाए जाते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं। पानी में प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन की मात्रा...
अज्ञान का नाश करने के लिए: गुरु ‘अंधकार’ (अज्ञान) को ‘प्रकाश’ (ज्ञान) से मिटाते हैं। सही दिशा में प्रेरित करने के लिए: भटकाव और...
ॐ जय गुरुवर कृपाला, ज्ञान के दाता निराला,अज्ञान तिमिर हरने वाले, प्रेम सुधा बरसाने वाले,ॐ जय गुरुवर कृपाला। ब्रह्मज्ञान की जोत जगाई, मोह माया...
ॐ जय गुरुवर कृपाला, ज्ञान के दाता निराला,अज्ञान तिमिर हरने वाले, प्रेम सुधा बरसाने वाले,ॐ जय गुरुवर कृपाला। ब्रह्मज्ञान की जोत जगाई, मोह माया...
गुरु बिन ज्ञान न उपजे, गुरु बिन मिटे न मोह,गुरु ही साक्षात् ब्रह्म हैं, गुरु ही हैं सद्गुरु सो। अंधकार से ज्योति की ओर,...
अनाहद, जिसका अर्थ है “अविनाशी ध्वनि” या “असीमित” संगीत, एक गहरे आध्यात्मिक और ध्वनिमूलक अर्थ से जुड़ा होता है। इसके बारे में एक कविता...