गुरु के द्वारा दिक्सित कर गुरु मंत्र या नाम देने और जपने से शरीर मे वो शक्ति जागृत हो जाती है और वह शिष्य...
सात्विक प्रकृति और तामसिक प्रवृत्ति में अंतर सात्विक और तामसिक प्रवृत्तियाँ व्यक्ति के मनोवृत्तियों और आचरण से जुड़ी होती हैं। यह गीता, उपनिषद और...
अनाहद का अर्थ है “अनहद नाद” या “शाश्वत ध्वनि,” जो योग और आध्यात्मिकता में आत्मा के गहन अनुभव से जुड़ा होता है। इसे सुनने...
आत्मा के संदर्भ में, विभिन्न दार्शनिक और धार्मिक दृष्टिकोण मौजूद हैं। आत्मा को सामान्यतः भौतिक शरीर से अलग और शाश्वत माना जाता है। इसके...
गुरु का कार्य शिष्य को आध्यात्मिक मार्ग पर ले जाना और उसे आत्मा के उच्चतम सत्य से परिचित कराना है। रूहानियत का राज और...
मेरे विचार के अनुसार परमात्मा एक है वह अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों से जुड़े हैं, जिसमें “एक ब्रह्म” की अवधारणा को प्रमुखता दी गई...
मैं ओर तू की तलाश आध्यात्मिक चिंतन की ओर संकेत करते हैं। जीवन में अध्यात्म तब आता है जब हम स्वयं को भीतर से...
मनुष्य का चित्त, जो उसके विचारों, भावनाओं और प्रवृत्तियों का केंद्र है, वास्तव में एक ऐसा रणक्षेत्र है जहाँ “सुर” (सद्गुण, प्रकाश, धर्म) और...
अध्यात्मिक मार्ग का उद्देश्य और अनुभव व्यक्ति की आस्था, समझ और साधना पर निर्भर करता है। इस संदर्भ में कुछ मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:...
सहज ध्यान से व्यक्ति को अपने भीतर की शांति, आनंद और दिव्यता का अनुभव होता है। यह ध्यान प्रक्रिया धीरे-धीरे आत्मा को परमात्मा से...