भगवान शिव का रौद्र रूप और तांडव नृत्य हिंदू दर्शन में गहन आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। शिव का रौद्र रूप उनके संहारक स्वरूप को...
जब पहली बार अनंत की मम्मी पिताजी से मिलनेआई तो।पिताजी की शक्ल।को देख कर उनकी आंखों से आसुओ की धारा बहने लगी व अपने...
योग साधना में जब हम किसी योगी की साधरण अवस्था या साधना करते हुवे उसकी नाक के पास अपना हाथ स्पर्श करते है तो...
अनाहद नाद और आकाश तत्व का आध्यात्मिक जीवन में गहरा संबंध है, क्योंकि दोनों सूक्ष्म चेतना, आत्मिक जागृति और परम सत्य से जुड़े हैं।...
भगवद्गीता से सन्दर्भ सिद्ध अवस्था और एकत्व का अनुभव उस व्यक्ति को होता है जो वैराग्य की स्तिथि मे श्लोकसर्वभूतस्थमात्मानं सर्वभूतानि चात्मनि।ईक्षते योगयुक्तात्मा सर्वत्र...
लव-कुश और रामायण का उत्तरकांड: एक सांकेतिक अनुशीलन अध्याय है जो बहुत कुछ शिक्षा हमे देता है माता पिता के गुण बच्चो में जन्म...
अगर से संस्कार नही तो जन्म व्यर्थ हैअगर गुण नही तो जीवन व्यर्थ है।अगर सादगी नही तो दिखावा व्यर्थअगर मौत नही तो जन्म व्यर्थ...
गुरु: अज्ञान से ज्ञान की ओरगुरु शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है: ‘गु’ (अंधकार) और ‘रु’ (प्रकाश)। अर्थात, गुरु वह है...
“जब जन्म और मरण दोनों ही अनिश्चित हैं…”जीवन और मृत्यु पर किसी का पूर्ण नियंत्रण नहीं है, और ये दोनों ही रहस्य से भरे...
शिवजी की जटाओं में गंगा को समाहित करने की कथा केवल पौराणिक गाथा नहीं है, बल्कि शिवजी की आध्यात्मिक साधना की ऊंचाइयों को दर्शाता...