Vaachan

जब भी अकेला बैठता हु

जब भी अकेला बैठता हु  तो एक अजीब सी गंध जो फूलो की नही नहीं किसी इत्र की होती है  उसका अहसास मुझे होता है...

Read More

मौलाना रूम कहते हैं

मौलाना रूम कहते हैं आं बादशाहे-आलम दर बस्ता बूद महकम…….पोशीद दलक-आदम यअमी कि बर दर आमद!!! अनुवाद – “शहंशाहों के शहंशाह ने शरीर के...

Read More

मा पिता का घर

बेटे बेटी के लिए मा पिता का घर शिष्य के लिए गुरु का दर ये दोनों ऐसी जगह है जहाँ अवगुणों को दूर कर ...

Read More

हा मैं पिता हु

हा मैं पिता हु तो जीता हु ओर जीने के लिए मैं पिता हु पर क्या पिता हु ये बताना जरूरी है जी मैं ...

Read More

इंसान की चाहत

इंसान की चाहत तो मन को सकून  मिलने की होती है ये सकून चाहे गुरु से मिले या मंदिर या गुरुद्वारे में या मस्जिद...

Read More

उच्च समाधि

कब गुरु द्वारा दी गई ऊर्जा से उतपन्न प्रकाश या  शब्द  का आभाष ही साधक को न रहे  यदि  साधक ध्यान करते करते ऐसी...

Read More