वैदिक दृष्टि के अनुसार मृत्यु के पश्चात भी न मरने वाला सूक्ष्म शरीर पांच ज्ञानेन्द्रियों, पांच कर्मेंद्रियों, पांच प्राण, एक मन और एक बुद्धि...
आपने अकाट्य सच लिखा है एक गुरु के पास गुरु का आशीर्वाद ओर स्वम् का भक्ति का योग होता है जो वास्तव में गुरु...
गुरुदेव कहते है के गुरु के लिए एक बड़ी विडंबना है के शिष्य यह नहीं जान पाता के गुरु ने उसके जीवन में से...
#महामृत्यु_मंत्र_का_जाप अकाल मृत्यु, महारोग, धन हानि, गृह कलेश, गृह बाधा, ग्रह पीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसी स्थितियों...
मेरी सोच हमारे शरीर मे जहा हजारो नाड़ियो का जाल फैला हुआ पर आध्यात्मिकता में तीन नाड़ियो को प्रमुखता पाई गई है ये नाडिया...
मेरे पिताजी जो कि एक सूफी संत हुवे उनको उनके गुरु महात्मा राधा मोहन लाल।जी आधोलिया जो कि महात्मा रघुवर दयाल जी के पुत्र...
ये रूहानी प्रेम का ईश्वर रूपी गुरु और शिष्य में ऐसा बंधा हुआ है जो एक बात इस मे उतर गया तो समझ लीजिए...
जब किसी शिष्य को पूर्ण गुरु जो अध्यात्म की उच्चतम शिखर पर वीतरागी केवली स्तिथि में या संत महात्मा इनके पास नादब्रह्म होती है ...
गुरुदेव बताते है के राधा और ललिता दोनो सहेलियां थी और दोनो पर ही कृष्ण बराबर अपने प्रेम की वर्षा करते थे । राधा...
गुरु के प्रेम को सिर्फ वोही एहसास कर सकता है जो गुरु प्रेम में डूबा हुआ है । चाहे लाखों किताबे पढ़ लें यह...