एक साधक को गुरु के वताये समय के अनुसार अवश्य ही ध्यान में बैठना चाहिए क्योंकि गुरु के द्वारा बताये समय पर गुरु शिष्य...
गुरुदेव कहते है के शिष्य गलती करता है के वह जैसा गुरु को करते देखता है वैसा करने लग जाता है । शिष्य के...
अवतार में छ विशेषताएं होती है: पूर्ण ज्ञान – पारा और अपरा – पूर्ण ज्ञान पूर्ण धर्म – सही समय पर सही आचरण पूर्ण...
कभी हमने सोचा है के यदि ईश्वर अवतार लेके हमारे सामने आ जाए तो हम क्या करेंगे ? हम देवी देवताओं की मूर्तियों की...
जीव दो प्रकार के होते हैं- बद्ध जीव और मुक्त जीवl\ जब जीव को आत्मज्ञान हो जाता है, वह अपने स्वरूप को पूर्णरूप से...
आकाशस्याधिपो विष्णुरग्नेश्चैव महेश्वरी। वायोः सूर्यः क्षितेरीशो जीवनस्य गणाधिपः॥ अर्थात आकाश तत्व के अधिष्ठाता विष्णु, अग्नि तत्व की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा, वायु तत्व के अधिष्ठाता...
खेचरी मुद्रा इस मुद्रा की साधना के लिए पद्मासन में बैठकर दृष्टि को दोनों भौहों के बीच स्थिर करके फिर जिह्वा को उलटकर तालु...
जिन्होंने अपने आंतरिक अस्तित्व पर परिश्रम किया, अपनी आंतरिक व्ययवस्था को पवित्र किया, आत्मा को जाग्रत किया और आध्यात्मिकता की सहायता से ईश्वर को...
जब भी उसको याद करता हु तो यही चाहत होती है तेरी नजर मुझ पर बनी रहे और तेरी नजरे इनायत यू ही प्रेम...
प्रेमा भक्ति’ किसे कहा जाता है? पूर्वानुराग , आदर ,श्रद्धा और भक्ति के बाद अनन्य प्रेम की अवस्था हीं प्रेम भक्ति कहलाती है ।...