1. मूलाधार चक्र 2. स्वाधिस्ठान चक्र 3. नाभि चक्र 4. अनाहत चक्र 5. विशुद्धि चक्र 6. आज्ञा चक्र 7. सहस्रार चक्र; A. कुण्डलिनी B....
शिष्य को गुरु के समान आसन पर नहीं बैठना चाहिए। यदि गुरु जमीन पर बैठे हों तो शिष्य भी जमीन पर बैठ सकते हैं।...
यह मेरा मानना है के सभी गुरु दिन में एक बार अपने हर शिष्य के मन में झांक के देखते है के वह कहां...
सोचता था मैं की ये इश्क रूहानी में ही शामिल हु पर आज पता लगा कि ये रोग तो हर रूहानी आशिक को लगा ...
मुझे उम्र के किसी भी पड़ाव पर खोज लेना मैं आत्मा हु हर वक़्त हर जगह तुम्हे मिलूंगी पर जानते हो अगर मैं नही...
जिंदगी मिली है तो मौत अवश्य आएगी जब आएगी तो अपना अस्तित्व बता नाम भूतपूर्व में लिखा जाएगी ये ही सत्य और सच जब...
कोंन कहता है इश्क जिसमानि होता है जरा इश्क रूहानी कर के देखो खुद को भी ओर इश्क दोनो को भूल वो लुफ्त मिलेगा...
जब बच्चा छोटा होता है तब जब उसके घर के बड़े किसी के साथ वह कहीं मेले में या किसी नाटक देखने जाता है...
गुरुदेव कहते है के शिष्य और शिशु में कोई अंतर नही जिस प्रकार शिशु को जन्म से कोई ज्ञान नहीं होता वह अपने माता...
गुरु गोविंद दोनो खड़े काके लागूं पांव । बलहारी गुरु आपपे जो गोविंद दिए मिलाये ।। यह श्लोक हमारे शास्त्रों में लिखा हुआ है...