हमारे हिन्दू शास्त्रो में ब्रह्मा विष्णु और महेश को अलग अलग गुणों।के असधर पर व्यक्त किया गया है और कहा गया कि गंगा शिव...
सूक्ष्म कारण शरीर से ब्रह्मांड के आंतरिक्ष की सैर” एक रहस्यमयी और आध्यात्मिक अवधारणा है जो योग, ध्यान और भारतीय दर्शन में वर्णित होती...
अध्यात्म में . भंवर का प्रतीक: भंवर (या भँवरा) संत साहित्य में आत्मा या ईश्वर के अति सूक्ष्म और रहस्यमय स्वरूप का प्रतीक है।...
वेतरणी नदी क्या है? वेतरणी नदी हिन्दू धर्म में एक पारलौकिक नदी है, जिसे मृत्यु के बाद पार करना होता है। यह पाप और...
भवसागर का अर्थ होता है — यह संसार रूपी महासागर, जिसमें जन्म-मृत्यु का चक्र, मोह-माया, दुःख-सुख, और अज्ञान की लहरें हैं। और इसे पार...
आज सुबह तपती सूर्य कीरोशनीमें टहलने के लिए निकला तोलगाशरीर गर्मी से तप रहा था गलाप्यासके मारे सुख रहा था शरीर गर्मीकेमारे पसीना पसीना...
मैं ओर तू की तलाश आध्यात्मिक चिंतन की ओर संकेत करते हैं। जीवन में अध्यात्म तब आता है जब हम स्वयं को भीतर से...
“बिरहनि बिरहा ले गयकर्ता कार कहार”अर्थ:विरह (प्रेम-वियोग की पीड़ा) ने ‘बिरहा’ (वियोगी प्रेमी) को अपने साथ ले लिया — जैसे कोई कहार (पालकी ढोने...
आज फिर उठा और मुह धो कर आईने में देखा तो आईना कहने लगा तुम को हो मैं तुम्हे जानता ही नही क्योकि आज...
यान देने योग्य बात है कि यह पद पूरी तरह से आध्यात्मिक दृष्टिकोण से रचा गया है। इसमें “सूक्ष्म” शब्द आत्मा, ब्रह्म, या परम...