ध्यान और समाधि की अवस्था मे जो फन तुझे हासिल था
वो मिसाल आज भी देखने को नही मिलती
जिस पर भी हो जाती थी तेरी नजरे इनायत
वो खुद पे खुद तेरे रूप तब्दील हो फना हो जाता है
मेरे कार्य सब कर रहे मेरे गुरु भगवान काहे को मैं चिंता ।करू ये जानते हुवे की जब तू ही करने वाला है,तू ही जग में महान