हा मैं पिता हु तो जीता हु ओर जीने के लिए मैं पिता हु
पर क्या पिता हु ये बताना जरूरी है
जी मैं प्रेम का रस जो मेरे गुरु हर रोज
मुझे ध्यान में देते है उसी को
पिता हु ओर दिन भर नशे में रहता हु
हु इसीलिए मैं दीवाना ओर दीवानगी ही मेरी चाहत है
हा मैं पिता हु हा मैं पिता हु वो पिलाता है जाम पे जाम
मैं पिता हु हा मैं पिता हु पिना ही मेरा शौक है