हो अगर मुझे पाने और
मुझमे लय हो मिलने की तमन्ना तो बस एक
काम करना होगा बसा कर मुझे दिल मे सिर्फ मेरा ही
ख्याल करना होगा जब हो जाओगे लय मुझमे तो तुममे
ओर मुझमे भेद मिट जाएगा जब अब तक भेद मुझमे
ओर तुझमें ये भेद समाधि में एकाग्रता आते ही मिट जाएगा
सोचोगे ये कैसे संभव है इसका
राज तुम्हे बताता हूं हु मैं प्रेम और भक्ति का दीवाना
जो करता है इसे नाइ उसी में समा जाता हूं
मेरा ये भेद सिर्फ मेरे ही दीवाने
जानते है वह कहलाते तो भक्त है पर गुरु नाम से पूजे जाते हैa