नाद का अर्थ

नाद अर्थात ‘नकार’ यानी प्राण (वायु) वाचक तथा ‘दकार’ अग्नि वाचक है , अतः जो वायु और अग्नि के संबंध (योग) से उत्पन्न होता है, उसी को ‘नाद’ कहते है ।

नाद का क्या अर्थ हैं?

नाद का शाब्दिक अर्थ है -१. शब्द, ध्वनि, आवाज। संगीत के आचार्यों के अनुसार आकाशस्थ अग्नि और मरुत् के संयोग से नाद की उत्पत्ति हुई है।

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