अध्यात्म का कोई धर्म नहीं होता, यह मानवता से जुड़ा होता है। यह जाति, धर्म, या संप्रदाय की सीमाओं से परे है। साधु की जाति नहीं पूछी जाती, क्योंकि साधु का धर्म केवल मानवता और सत्य की खोज होता है। अध्यात्म आत्मा की यात्रा है, जो सभी को एक ही स्रोत की ओर ले जाती है, चाहे वे किसी भी पृष्ठभूमि से हों।