Written by
Guru Ji
गुरु और शिष्य का संबंध भी ऐसा ही होता है। बिना पूर्व जन्मों के संस्कारों और आध्यात्मिक तैयारी के, किसी को सच्चे गुरु की प्राप्ति नहीं हो सकती। इंसान को अपने जीवन में जो भी सुख या दुख मिलता है, वह सब उसके कर्मों का फल होता है। इसलिए आत्मा का मार्ग, प्रेम और कर्म — तीनों ही एक गहरी यात्रा का हिस्सा हैं, जिसे समझना ही आध्यात्मिक जीवन की ओर पहला कदम है।”