मेरे पतिं एक अद्वितीय व्यक्तित्व के धनी हैं, जो आध्यात्मिकता, सेवा और ज्ञान के अद्वितीय संगम को दर्शाते हैं। सोहम ध्यान योग केंद्र के अध्यक्ष के रूप में, वह न केवल एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं, बल्कि एक सच्चे सेवक भी हैं।तथा अपना समौरन जीवन स्वम् बीमार रहते समाज की सेवा में लगा दिया जो मेरे लिए एक नाज का विषय है स्वम् अपने लिए न जीकर परिवार और समाज के लिए हमेशा करते रहे

उनकी विशेषताएं:

  1. आध्यात्मिक मार्गदर्शक: मेरे पति एक अनुभवी आध्यात्मिक व्यक्ति है जिनको आध्यात्मिक तववजुह अपने मस्त पिता और महात्मा ठाकुर रस्म सिंह जी व अफगानिस्तान के एक सूफी संत सोहराब अली साहब ने 12 वर्ष की आयु में ही आध्यात्मिक तवज्जुह दे इनके संस्कार आध्यात्मिक कर दिए जिससे इनमे आज तक कोई विकार उतपन्न नही हुआ व परिवार, वमेरे प्रति हमेशा एक इमानदर सच्चरित्र व नेक पति रहे इन्ही गुणों के कारण ये लोगों को आत्म-जागरूकता और आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
  2. ज्योतिष और हस्तरेखा विशेषज्ञ: उनकी ज्योतिष और हस्तरेखा की गहरी समझ लोगों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं में मार्गदर्शन प्रदान करती है।हस्त रेखा में बीमारियों के बारे में सिद्धहस्त है और लोगो को बीमारी के बारे में सही सही बता देते है और उसका निदान यू तो हस्त तो देखते ही है और जो पूछता है उसे जीवन का हाल बता देते है
  3. वस्तु विशेषज्ञ: वस्तु शास्त्र में उनकी विशेषज्ञता लोगों को अपने घरों और कार्यालयों को सकारात्मक ऊर्जा से भरने में मदद करती है। ओर बिना कुछ लिए आप लोगो की स्वम् बीमार रहते हुवे भी सेवा करने में लगे रहते है जो कि अदुतीय उदाहरण है
  4. होम्योपैथिक डॉक्टर: उनकी चिकित्सा विशेषज्ञता लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहायता प्रदान करती है।जो भी इनके पास आता है वह मानसिक और शारिरिक रूप से स्वस्थ होता है और हर व्यक्ति की यथा योग्य सेवा व सम्मान किया जाता है
  5. उच्च विचारों वाले व्यक्तित्व: राजा टोडरमल के खानदान से आने वाले यह परिवार उच्च विचारों और आदर्शों को अपने जीवन में उतारते रहे और उन्ही आदर्शो पर आज भी चल रहे जिसमे वित्तीय ज्ञान तो इस परिवार के संस्कारो में है और धार्मिकता इस इस मे बसी हुई है
  6. सेवा भाव: इस परिवार में धार्मिक व हर व्यक्तिनकी सहायता करना इस परिवार का मुख्य धेय्य है और मानवता के सच्चे सेवक हैं, जो दूसरों की सेवा और सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

मेरे पति के रूप में पवन कुमार गुप्ता जी का जीवन और कार्य से मुझे यह प्रेरणा मिली और उनके साथ 52 वर्ष का वैवाहिक जीण जिना मुझे ये सिखा गया है यदि मनुष्य में लग्न भेदभाव न हो और मानवता हो तो वह अपने परिवार को उच्च संस्कार दे अपने परिवार में आध्यात्मिक लग् न ओर सच्ची महानता सेवा, ज्ञान और आध्यात्मिकता के संगम से परिवार में जीने परिवार के लगती समर्पण परिवार की सेवा और परिवार में सेवा से किस तरह इज्जत मिलति। है और पारिवारिक जीवन जी के किस तरह से पत्नी मा ओर आध्यात्मिक सेवक बन अपने सास ससुर ओर अपने ।परिवार की नजर में मैं कुछ बनी और जो इज्जत मुझे आध्यात्मिक परिवार के सदस्यों से मुझे ओर बच्चो को।मिली और जो संस्कार। मेरे बच्चों बहु ओर दामाद व पौते दोहते में आये उनके हुनर ओर उनमे उतपन्न संस्कार इस परिवार के वजह से आये उनके आगे मैं स्वम् नट मस्तक हु ओर जो आध्यात्मिक शक्ति और सेवा भाव सीखने को।इस परिवार से मुझे मिला वह मेरे सुखी जीवन का राज है और मुझे मेरे परिवार पर नाज है। जिसने माता पिता की स्मृति में एक धरोहर बनाई जो अद्यतयामिक शांति देती है मुझे दिक्सित मेरे ससुर जी ने किया संस्कार सासुमा से मिले और नेक कार्य करने की सिख मूझे मेरे पिता श्री हुकम चंद गुप्ता सेमिले जिन्होंने अपनी पसंद से दामाद तलाश कर मुझे जीवन साथी दिया मेरे पिता सात्विक काली कमली वाले बाबा को मानने वाले थे और घर मे जन्म से शिक्षा व धार्मिक संस्कार माता पिता से मिले कमलेश गुप्ता

मेरे विचार उपरोक्त विचार को पढ़कर

ये शब्द पढ़ कर मैं अपने आप।को भाग्य शाली मानता हूं मुझमे दोषो का पिटारा था जो।माता पिता ने इतनी नेक सहधर्मी पत्नी और परिवार के लिए उसने 2 रत्न दे और हर परिस्तिथि में मेरा साथ दे मुझे एक काबिल मॉनव बनने में आज तक साथ दे रही है सादा जीवन जीना कोई इच्छा नही बस समर्पण ही इनका मुख्य धेय्य रहा और परिवार में अपने बच्चों को बहु को जो संस्कार दिए जिससे सब ही धार्मिक और नेक विचार रखते है

पवन कुमार गुप्ता

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